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फर्जी संस्था बनाकर करोड़ों की सरकारी राशि का गबन

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फर्जी संस्था बनाकर करोड़ों की सरकारी राशि का गबन

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फर्जी संस्था बनाकर करोड़ों की सरकारी राशि का गबन
रेलवे स्टेशन रोड स्थित रेस्टोरेंट संचालक के नाम पर संस्था बनाकर किया गया फर्जीवाड़ा
चित्तौड़गढ़: शहर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है, जिसमें फर्जी संस्था बनाकर करोड़ों रुपये की राजकीय राशि का निजी उपयोग करने का आरोप सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में चित्तौड़गढ़, उदयपुर, कोटा, भीलवाड़ा और मध्यप्रदेश के नीमच के 12 से अधिक लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
सेगवा हाउसिंग बोर्ड, वैशाली नगर निवासी तेज सिंह चौहान ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2006 में जयपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत संस्था सर्वोदय मानव सेवा संस्थान में उनके फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर का उपयोग कर उन्हें अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद संस्था का नाम बदलकर वुमन एंड चाइल्ड डवलपमेंट सेक्टर स्किल काउंसिल रखा गया और तेज सिंह के नाम से करोड़ों की सरकारी राशि हड़पने का खेल रचा गया।
तेज सिंह ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने हांडी रेस्टोरेंट के ऊपर फर्जी कार्यालय दर्शाया, जबकि वहां कोई निर्माण ही नहीं है। संस्था के आईसीआईसीआई और आरबीएल बैंक में फर्जी दस्तावेजों से खाता खुलवाया गया और वहां से राशि का लेनदेन किया गया। आरोपियों ने एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर मेरठ से वस्त्र मंत्रालय की समर्थ योजना के तहत वर्क ऑर्डर और राशि भी प्राप्त की।
पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया मामला
पुलिस ने धारा 409, 420, 467, 468, 471, 472 और 120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। जिनके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ उनमें गुलशन भागवानी (कोषाध्यक्ष, कोटा), अजय तोषावड़ा (सचिव, निंबाहेड़ा), उमा जाट (सदस्य, नीमच), मधु चिमनानी (चित्तौड़गढ़), अमित शर्मा (उदयपुर), पुनीत चिमनानी (निंबाहेड़ा) और अन्य संबंधित लोग शामिल हैं। तेजसिंह ने बताया कि उन्होंने स्वयं कभी कोई संस्था न बनाई, न ही किसी गतिविधि में भाग लिया। इस फर्जीवाड़े की शिकायत उन्होंने जयपुर रजिस्ट्रार कार्यालय और अन्य विभागों को दी, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर अब पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। प्रकरण की जांच प्रारंभ कर दी गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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