मेवाड़-वागड़ में कांग्रेस की गुटबाजी हाईकमान तक पहुँची
आदिवासी नेताओं की शिकायत पर उदयपुर कांग्रेस में खुला विवाद
उदयपुर, 25 जुलाई: मेवाड़-वागड़ क्षेत्र में कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी अब खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात कर क्षेत्र में आदिवासी नेताओं की उपेक्षा का मुद्दा उठाया था। इस पर अब उदयपुर देहात कांग्रेस अध्यक्ष कचरूलाल चौधरी ने खुलकर पलटवार किया है।
चौधरी ने कहा कि दिल्ली जाकर झूठी शिकायतें की गई हैं। उन्होंने पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रह चुके हैं, उनका टिकट हाईकमान तय करता है। ऐसे में यह कहना कि हमने सलूंबर उपचुनाव में टिकट कटवाया, सरासर गलत और बेबुनियाद आरोप है।
कार्यक्रम को लेकर भी सफाई
चौधरी ने बताया कि कुछ दिन पहले उदयपुर के टाउनहॉल में आयोजित संविधान रैली में पहले से निर्धारित वक्ताओं ने अपने भाषण दिए थे। प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, सीपी जोशी और पवन खेड़ा जैसे नेता जब पहुंचे, तब कार्यक्रम का संचालन उनके प्रोटोकॉल के अनुसार हुआ। इससे किसी को जानबूझकर बोलने से नहीं रोका गया।
सीपी जोशी पर भी दी सफाई
चौधरी ने स्पष्ट किया कि डॉ. सीपी जोशी नाथद्वारा से विधायक रहे हैं और उन्हें औपचारिक आमंत्रण देकर बुलाया गया था। कार्यक्रम में उनकी कोई मनमानी नहीं थी, और ना ही उन्हें किसी को रोकने या बोलवाने का अधिकार था।
उलाहनों पर जवाब में उतरी रेशमा मीणा
सलूंबर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रही रेशमा मीणा ने भी आदिवासी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है, लेकिन व्यक्तिगत नाराजगी को संगठन पर थोपना उचित नहीं है।
नेताओं की दिल्ली यात्रा
इससे पहले मंगलवार और बुधवार को पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, ताराचंद भगोरा, सुरेंद्र बामणिया सहित कई वरिष्ठ नेता दिल्ली जाकर खड़गे और रंधावा से मिले थे। उन्होंने पार्टी में आदिवासी नेतृत्व की अनदेखी, कार्यक्रमों में बोलने का मौका न देने और टिकट वितरण में भेदभाव जैसे मुद्दे उठाए थे।