सुप्रीम कोर्ट ने ‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक लगाने से किया इनकार, 8 अगस्त को रिलीज होगी फिल्म
कन्हैयालाल के बेटे यश बोले – “यह आतंकवाद के खिलाफ़ है, धर्म का अपमान नहीं”
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स: कन्हैयालाल दर्जी हत्या’ की रिलीज़ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और एक आरोपी की ओर से पेश वकीलों को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट कहा, “हमारा समय क्यों बर्बाद करें? पहले हाईकोर्ट जाओ, फिर यहां आओ।”
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने छह संपादनों के साथ फिल्म को मंजूरी दी है, यदि आपत्ति है तो हाईकोर्ट में चुनौती दें। इससे पहले सेंसरशिप और कानूनी विवादों के चलते फिल्म की रिलीज़ टलती रही थी।
अब 8 अगस्त को होगी रिलीज
फिल्म अब 8 अगस्त 2025 को रिलीज़ होगी। मृतक कन्हैयालाल के पुत्र यश ने कहा कि फिल्म पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में लगाई गई रोक अब हट चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सुझाए गए सभी 6 संशोधन फिल्म में किए गए हैं।
यश ने कहा, “यह फिल्म किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है। मेरे पिता की निर्मम हत्या के पीछे गहरी साजिश थी, और पाकिस्तान से आतंकियों के सीधे संबंध थे। फिल्म में वही सच्चाई दिखाई गई है। मैं चाहता हूं कि पूरा देश यह फिल्म देखे और हमें तीन साल बाद भी जो न्याय नहीं मिला, उसमें जनता साथ दे।”
विरोध के तर्क और कोर्ट की प्रतिक्रिया
फिल्म की रिलीज़ का विरोध करने वाले वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि जब तक हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू न हो, तब तक फिल्म पर रोक लगी रहे। लेकिन बेंच ने दलील को खारिज कर कहा, “सभी तर्क उचित मंच (हाईकोर्ट) पर दें।”
वहीं, फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि “केरल स्टोरी” और “कश्मीर फाइल्स” जैसी फिल्मों से देश के सामाजिक ताने-बाने को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, और यह फिल्म भी तथ्यों पर आधारित है।
अब निगाहें दिल्ली हाईकोर्ट पर रहेंगी कि वह किसी नई याचिका को कैसे देखता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से फिल्म के रास्ते में फिलहाल कोई कानूनी अड़चन नहीं बची है।